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Showing posts from April, 2020

30/04/2020 P/43

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हिन्दी/ /////// दो महीने कि छुट्टियों के बाद स्कूल में एडमिशन होने वाला था इसकी इतनी खुसी नहीं थी। जितनी बाहर निकलने की क्योंकि साला कई साल से बाहर कि दुनिया से अलग एक कमरे की जिंदगी हो गई थी। फिर मैने किचेन में काम करने लगा कुक प्रेम/भाईसाहब से पूछा में किचेन में आ जाऊं काम करने के लिए लिए क्योंकि किचेन में काम करने वाले अपने लिए स्पेशल तड़के वाली सब्जी और फ्राई दाल बनाने कि इजाजद थी। हा 10/ महीने मिलता था किचेन वालो को। में काम करते करते रोटी, चावल, सब्जी,दाल, चिकेन, मटन, सभी खाने वाला आईटम बनाना सीख गया था। हम किचेन में काम करने वालों के बीच में रेस लगती थी। कि कौन ज्यादा रोटी बेलेगा कमाने ऎसे ऐसे बच्चे थे। जो 3/रोटी एक साथ बेलते थे। जब लोई कटती तो उसकी गिनती करना आवश्यक था। उससे पता चलता कि रोटी कम पड़ेगी या ज्यादा इसी तरह दो महीने बीत गए स्कूल कि छुट्टी ख़तम हो गई और न्यू एडमिशन स्टार्ट हो गया रमेश भाईसाहब जो स्कूल ले जाते थे। भाईसाहब ने सभी को बाहर किया और बोले जिसका नाम बोला जाएगा कल से स्कूल जाने के लिए तैयार रहे रमेश भाईसाहब बोलते रहे उसमे मेरा भी नाम था। उस रात मुझे नींद न

29/04/2020. P/42

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हिन्दी/ अब इंतेज़ार था तो दो महीने गर्मी के बीतने का क्योंकि गर्मी की छुट्टियों के बाद ही स्कूल में नाम लिखा जाएगा उस टाइम ही बाहर जा सकते थे। नाजिश के जाने के बाद अपने पर किसी का कंट्रोल नहीं था। क्योंकि कोई और इतना पावर में नहीं था कि काम करवा सके दूसरी कुटी के कैप्टन चाहते थे कि ओ भी मेरी कुटी संभाल  पर हम लोगो ने होने नहीं दिया। कयूम अपना ही दोस्त उसके कैप्टन बनने के बाद तो हम सब के मौज़ ही मौज था। ऐसा नहीं था कि मेरी किसी से लड़ाई नहीं हुई कई बार मै दूसरों से पीटा था। कई बार पीटा था। कई बार अपनी आंख कली करवाई है। जो टीवी में आंख कली नजर आती है पीटने के बाद वो सच है। क्योंकि हमारा कोई भी मसला बात से नहीं हमेशा लड़ाई से सुलझता था। हर चीज पे फाइट जैसे ,कम खाना, कम चाय, कम दूध , कपड़ा चोरी, पेटी(बकसा) से सामान चोरी, सभी चीजों पर हा ये सब के अलावा एक कली दुनिया और भी थी। जिसका जिक्र नहीं करना चाहूंगा हा कुछ के लिए नरक से भी घटिया था। कुछ के लिए हेवेन था। नाजिश के समय मेरा काम था।कुटी की सफाई,  कुटी का द्यान / एक निश्चित समय के लिए कुटी में रहना और सारी गतिविधियों को नोटिस करना ताकि क

28/04/2020. P/41

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हिन्दी/ जिस समय हमारे कुटी का कैप्टन चेंज हुआ अपना राज स्टार्ट हुआ उस समय बाकी कुटी का ये हाल था शास्त्री कुटी का कैप्टन मुन्ना टाइम पास , जवाहर का फैसल, शिवाजी का विजय ,गौतम का विशाल, सुभाष का कयूम, बाकी का याद ही नहीं है उस समय सबसे ज्यादा पिटाई शास्त्री कुटी वालो को पड़ती थी उनका कैप्टन मुन्ना और उसका भाई जयराम था जयराम ने बिजली वाली तार का हंटर बना रखा था उससे मारता था बच्चो को जो पूरा चमड़ी तक छिल लेता था कोई शिकायत नहीं कर सकता था गेट पे शिकायत करता तो गेट वाले और पिटते फिर जयराम उनको और मारता एक दिन एक ओल्ड लेडी अायी ओ लेडी पहले होम में ही बच्चो को पड़ने का काम करती थी लेकिन उनका ट्रांसफर हो गया था लेकिन उनका फिर से नरेला होम में ट्रानफर हो गया था अगले दिन जो लोग स्कूल नहीं जाते थे उनको मैम ने बुलाया और गिनती बारह खड़ी ये सब पूछा जिसको अता था उसने बताया जिसको नहीं आता था उसको होम में ही ब्दाया जाएगा और जिसको आता है उसको बाहर भेजा जाएगा  मेरी पूछा मैंने बता मै पड़ने में तेज तो नहीं हा पर ठीक ठाक था मैम ने कहा अगले दो महीने तक मुझसे सीखोगे और उसके बाद स्कूल में नाम लिखा जाएगा बा

27/04/2020. P/40

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हिन्दी हम तीनो इस फिराक में लग गए की कैप्टन किसको बनाया जाय जो हमे कुछ ना बोले इसके लिए हम तीनो ने डेसाइड किया को कयूम एक लड़का जो था हमारे कुटी का को हम लोगो के जैसे ही तम्बाकू गुटखा खाया करता था हाईट है उसकी ठीक थी उससे बात किया तो उसने कहा तुम लोगो को जो करना है करो तुम लोगो को कुछ नहीं बोलुगा कैप्टन बनने के लिए तीन लोगों की हा होनी चाहिए पहला पापा जी दूसरा शिव नारायण सर तीसरा कुटी में रहने वाले बच्चो कि कुटी में रहने वाले बच्चो को राजू के हवाले  किया गया मनाने के लिए राजकुमार रितेश पापा जी और में शिव नारायण सर को शिव नारायण सर का ऑफिस का ज्यादा तर काम मै ही करता था जैसे स्टोर से बच्चो के लिए कपडे निकालना जिसको दिया उसका नाम लिखना और कितना माल बचा है न्यू बच्चे आए तो उनको सामान देना और सुप्रिदेंट की चमचा गिरी जैसे हा में हा मिलना जो बोले सब ठीक है जब नाजिश छूटा तो शिव नारायण सर ने पूछा शशि किसको कैप्टन बनाया जाय मै इसी बात का तो इंतेज़ार कर रहा था मैने कहा सर कयूम को राजू और रितेश और राजकुमार ने पहले से अपना कम कर दिया था अगले दिन कुटी खड़ी हुई तो शिव नारायण सर आए और कहा कयूम कोन

26/04/2020. P/39

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हिन्दी/ हम तीनो ही जो कुछ भी करते थे हमेशा ध्यान रखते कि किसी को पता न चले चाहे ओ न्यू कपडे डबल/गायब करना का हो या नसे का कोई सामान बाहर से मगाना हो सामान लाने वाले को भी कुछ चाहिए होता है ओ साला हमसे चादर/तौलिया सब लेता था फिर जाके साला 1 रुपए वाला तम्बाकू का पुड़िया लाता था सामान मगवाने का काम रितेश का था हम तीनो ये ध्यान रखते किसी को पता न चले क्योंकि अगर किसी को पता चल गया तो गान्ड का गुड़गांवा बनते देर नहीं लगेगी एक बार मै और राजू बाथरूम में तम्बाकू खा रहे थे तभी साला मुन्ना आ गया फिर क्या होना था साम के समय हम तीनों ने गान्ड पे पोछा लपेट कर गए थे कि कम लगे भाई क्या बल्ले मारे थे साले नाजिश ने पर साला पूरी कुटी वालो को नहीं पीटा फिर मैने मुन्ना से पूछा कि सारे कुटी की पिटाई क्यों नहीं हुई तो मुन्ना ने बताया कि नाजिश चार महीने बाद छूट जाएगा उसे डर है कि कोई लड़का बाहर मिल गया जिसे उसने पीटा है तो नाजिश को ब्लेड मार देगा काई बार मारा भी है छुटने वाले लड़कों को उस दिन के बाद राजू और मेरी यही कोशिश होती कि हाथ में पावर कब आए अगला कैप्टन मुन्ना को बन्ना था पर ओ बन्ना नहीं चाहता था फि

25/04/2020. P/38

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हिन्दी/ सुरु सुरु में मै होम से भागने की कोशिश करता रहा और प्लान भी बनाया बट येन वक़्त पर मन बदल जाता क्योंकि साला चांस ही नहीं था और पकड़े जाने का डर अलग से था हर भाईसाहब अपने स्टाइल में कूटता घर का गुस्सा होम में निकलता छोटी छोटी बात पे भी जम के टूकाई होती होम में भी सालो कैप्टन लोगो ने अपना राज बना रखा था होम में ठुकाई से बचने का तीन रास्ता था पहला कैप्टन का चेला सले का  धोना खाना लेना प्लेट धुलना ये मेरे से होने वाला नहीं था दूसरा था भाईसाहब का चेला उसका भी खाना को सामान ठीक से रखो ये भी नहीं तीसरी पार्टी थी ऑफिस जिसमें शिव नारायण सर का काम में हाथ बताओ और आजादी ये सब मेरे से नहीं होने वाला था चोथा रास्ता मेने और राजकुमार ने निकाल राजकुमार और राजू मेरे सबसे अच्छे दोस्त थे होम के राजकुमार नॉर्मल था राजू के पैर में पोलियो हो गया था जिससे वो चल नहीं पाता था दोनों की अपनी खासियत थी राजकुमार को गुस्सा आता तो उसके हाथ में जो भी चीज हो ओ उसे फेक के मारता था राजू का आधा शरीर ठीक था जो किसी पहलवान से कम नहीं था उसको गुस्सा आने पर अपने दोनो हाथो को जमीन पर जोर जोर मारता और धमकी देता था।

24/04/2020. P/37

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हिन्दी/ होम में एक बात कॉमन थी कि सभी लोग भूतो से बहुत डरते थे हर एक कुटी में मंदिर होता था छोटा सा जिसकी पूजा करने की डयूटी भी होती थी अगर नहीं किया तो ठुकाई पक्का तरह तरह को स्टोरी थी होम में भूतो के बारे में जैसे होम/जेल कब्रिस्तान के ऊपर बना है यहां के कब्र की और शिफ्ट कर दिए गए है बहुत रात को अपनी कब्र धुड़ने आते है जो अकेले में मिला उसको मार देंगे कई बार तो बीड़ी पीते हुए अकेले लड़कों को खूब पीटा है दो तीन ऎसी घटनाएं हुए है जब मै था वहा एक घटना हुआ था जवाहर कुटी में नाइट में लाईट जाने के बाद सभी लोग आंगन में आ गए थे सभी लोग केयर टेकर से लेकर गार्ड तक एक लड़का जो जवाहर कुटी मै सो रहा था वो आधा फर्स में धस गया था फर्श कांक्रीट का था आधा धसने के बाद ओ उठ गया और चिल्लाने लगा नाइट में पापा जी की डयूटी थी उनके साथ गार्ड पहुंचे लाईट लेकर थोड़ी देर बाद लाईट अयी वो लड़का नाभि तक कांक्रीट में धसा था आस पास कही खोदने के निशान नहीं थे फिर उससे साइड से खोद के निकाला गया दूसरी घटना थी कि गौतम कुटी का मन्दिर अपने आप जलने लगा था पूरा मन्दिर जल गया दो तीन दिन के लिए गौतम कुटी को बंद कर दिया गय

23/04/2020. P/36

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हिन्दी/ हर केयर टेकर/भाईसाहब का अपना चेला होता था जो केयर टेकर का सारा सामान रखता था और खाना कपडे साबुन और भाईसाहब उसको बाहर कि चीजे लाकर देते थे होम में बाहर के कपडे पहनना मना था सिर्फ होम में मिले कपडे पहनना अल्लाऊ लेकिन ये बात कैप्टन पर लागू नहीं होती थी भाईसाहब और कैप्टन के लिए चाय स्पेशल , चपाती स्पेशल , फ्राई दाल और ढेर सारा रासन/तेल साबुन धूप भाईसाहब का चेला बनने का एक फायदा ये भी था कि कैप्टन उसे नहीं पीटते थे है दो चार बल्ले ही पड़ते थे एक बार की बात है ऑफिस से शिव नारायण सर का कुछ सामान चोरी हो गया तो फिर पापा जी ने पूरे होम के बच्चो को बाहर आंगन में मुर्गा बनाकर सभी को बेल्ट से पिता था को भी कुटी बारी से पहले एक कुटी फिर दूसरी कुटी इस तरह से पूरे बच्चो की ठुकाई हुई उसके बाद तो नाइट में कैप्टन ने भाई बल्ले से क्या ठुकाई की पूरा बॉडी कि लग गई थी वहा बैट बॉल मिलते थे लेकिन खेलने का कोई ग्राउंड नहीं था इसलिए बल्ले बच्चो पर टूटते थे कुछ बच्चे नशे करने के आदी थे गुटखा/तबाकू के लिए पैसे चाहिए होते थे पैसे का इंतेजाम रितेश करता था रितेश और मुझे एक ही अलमारी मिली थी कपडे रखने के ल

22/04/2020. P/35

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हिन्दी/ अगर कोई बालक होम से भागता हुआ पकड़ में आता तो उसकी 2 दिन तक लगातार पिटाई होती सबसे पहले गार्ड जितने भी होते काम पर होते ओ पीटते उसके बाद केयर टेकर का नंबर आता इसी तरह डयूटी चेंज होती उसी तरह हर कोई आकर पीटता तीन दिन तक एक टाइम का कहना मिलता उसको कई तो बेहोश हो जाते उनको पानी डालकर उठाते फिर पीटते कैप्टन तो उसका सबसे बड़ा दुश्मन होता ओ भागने वाले लड़के की लाइफ नरक से भी बुरा बना देता होम में खाने कहा मीनू नहीं होता था दाल चावल सब्जी मॉर्निंग में और शाम को भी यही मिलता होम में एक केयर टेकर का सबसे ज्यादा खोफ था पापा जी का बच्चो ने खोफ में उसका नाम पापा जी रख दिया था उससे होम के सभी बच्छे डरते थे उसका नाम सुनते ही सारे कैप्टन कि सासे फूल जाती नस्ते में आधा गिलास दूध वो भी पानी का जो दिखता सिर्फ दूध जैसा था साथ में तीन पुरी जिसका छिलका बाटने वाला निकाल लेता पानी वाला दूध इसलिए होता था कि स्टाफ के लोग दूध कि थैली निकाल लेते अपने घर के लिए जो बचता उसमे पानी डालकर बच्चो को खाने में चावल बाटने वाला एक मुट्ठी चावल उठाता आधा प्लेट में डालकर फैला देता था आधा मुट्ठी निकाल लेता था साथ मे

21/04/2020. P/34

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हिन्दी/ नाजिश के कहने पर कुटी का एक लड़का मुझे कुटी का रूल समझने लगा कुटी का रूल कुछ इस प्रकार था सभी के पास 3 जोड़ी कपड़े , कहीं से फटे नहीं होने चाहिए मॉर्निंग में 5बजे उठना हैं अपने सामान का ध्यान रखना है किसी से लड़ाई नहीं करनी किसी स्टाफ को आंख उठाकर नहीं देखना है पहला and दूसरे कैप्टन कि हर बात मानना है, कुटी का ध्यान रखना है , कुटी की सफाई करनी है ,सबसे ख़तरनाक बात तो ये थी कि कोई एक गलती करेगा तो सबको ठुकाई पड़ेगी / कुटी का कोई भी एक लड़का गलती करेगा तो सभी पिटेगे वहा के स्टाफ में थे सुप्रीदेट ,कालिया सर काउंसिल, चौकीदार बाले भाई साहब , पापा जी सबसे ज्यादा खतरनाक उसके बाद राज सिंग भाईसाहब, गांधी जी केयर टेकर सबसे सरिफ व्यक्ति थे किसी भी बच्चे को नहीं मानते थे , रमेश भाईसाहब स्कूल ले जाने वाले थे । स्कूल होम /जेल से सवा किलोमीटर था और भागने का सबसे आसान था होम से कोई भाग भी नहीं सकता था क्योंकि जेल था चारो ओर से ऊंची दीवार ऊपर जली लगी थी आगन झा जली नहीं थी वहा से कोई चड नहीं सकता था फिर भी लडके कोसिस करते थे चादर को रस्सी बनाकर ऊपर फेकते फिर उससे पकड़ कर चड़ते थे फिर दीवार क

20/04/2020। P/33

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हिन्दी/ उस लडक ने कहा कुटी खड़ी हो रही है तो उसके चेहरे पर दर दिख रहा था में समझ गया कि कुछ बुरा होने वाला है में उसके साथ सुभाष कुटी में गया वहां सभी लोग बिलकुल सीधी लाइन में खड़े थे दोनों तरफ हाईट के हिसाब से बीच में नाजीस हाथ में चमड़े का बेल्ट लिए गब्बर की तरह घूम रहा था जो लड़का मुझे बुलाने आया था उसका नाम सलमान था नज़ीस के साथ एक और लड़का था जिसका नाम मुन्ना था बिलकुल पहलवान जैसे बॉडी और हाईट थी सभी लड़कों से ज्यादा थी वो आके बेड पर बैठ गया फिर नाजिश ने तीन लड़के बाहर निकले कुटी का दरवाजा अन्दर से बंद किया गया नाजिश के इशारे पर ओ तीन लड़के मुन्ना के साथ मिलकर सबसे पहले खड़े लडके को पकड़ कर बेड पर लिटाया उसने ज्यादा रसिस्ट भी नहीं किया ओ लड़का पेट के बल लेट गया और मुन्ना और तीन लड़कों ने इसके एक एक हाथ और एक एक पैर पकड़ लिया उसके बाद नाजिश ने क्रिकेट वाला बल्ला निकाला और जाके उस लड़के को गिनती के 10 बल्ले मेरे जब ओ चिल्लाया तो उसका मुख दबा दिया इसी तरह सबकी बारी आती रही मेरी भी बारी आयी सालो ने मुझे 15 बल्ले मारे गान्ड का गुड़गांवा बना दिया फिर मुन्ना ने मुझे उठा कर उछाल दिया म

19/04/2020 P/32

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हिन्दी/ शाम को नरेला पहुंचे वहां पहुंचने के बाद जेल जैसे दो बड़े बड़े गेट से एंट्री हुई हम लोग 24/ बालक थे साथ में हम सभी को  एक साथ बैठाया फिर 6 लड़के आए उन सभी ने 4 चार बच्चे चुने जैसे हमारी क्वालिटी देख के चुन रहे है फिर वो चुने बच्चो को अपने साथ ले गए मुझे और तीन बच्चो को एक लड़का ले गया जिसका नाम नजिस था एक रूम में ले जाके हमारी तलासी ली जैसे हम कोई बम लेके आए है फिर हमारे सभी कपडे उतरवा लिए और हम नए कपडे दिया और नहाने को बोला मै कपडे रख के नहाने के लिए गया नहा के वापस आया तो कपड़ा गायब फिर नाजिस ने एक पुराना कपड़ा दिया साम का खाना बट चुका था तो आए हुए नए बच्चो के लिए ढाबे से खाना मगाया गया खाना आया हम सभी को खाने के लिए बुलाया गया खाने में सुखी रोटी बिना नमक के दाल एंसा लग रहा था कि रोटी काई दिनों से सुखाई गई है उसके बाद सभी लोग अपने अपने रूम में चले गए वहां रूम के नाम थे सुभाष कुटी, शास्त्री कुटी, जवाहर कुटी , शिवाजी कुटी,  गौतम कुटी, एक का नाम मै भूल गया हूं मेरी कुटी का नाम सुभाष कुटी था रात करीब 9 बजे एक लड़के ने मुझे बुलाया कहा कुटी खड़ी हो रही है कैप्टन ने बुलाया है मुझे

18/04/2020। P/31

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हिन्दी/ निजामुददीन में एक और इंटरेस्टिंग जगह थी वो थी गेम स्टूडियो जिस जगह गेम खेलते थे 5 रुपए के  10 कॉइन में हम लोग इतने कमाने थे कि कोइन में धागा बांध देते थे फिर उससे गेम में डालते थे जैसे ही गेम ऑन होता था कॉइन को बाहर खींच लेते थे यहीं ट्रिक इस्तेमाल करते थे फिर गेम ओनर ने कॉइन ही चेंज कर दिया ताकि कोई ऎसा ना कर सके उसके बाद गेम कॉइन आयरन की गोल भारी जिसमें कोई छेद ना हो येसा यूज करना चालू कर दिया उसके अलावा अप्पू घर प्रगति मैदान में था उसमे मै लास्ट 24/04/2006 को गया था क्यों कि ओ दिन अप्पू घर का आखिरी दिन था और मेरी आजादी का अगले दिन 25/04/2006 को पुलिस वालो ने कहा ये सेंटर बंद हो रहा है हम लोगो को एक गाड़ी में बैठने को कहा हम लोग गाड़ी में बैठ गए उसके बाद पता चला कि हम लोग जेल जा रहे है हम चाइड कोर्ट के जाया गया जो जज मैम थी उन्होंने पूछा कि तुम लोगो का घर कहा है जिसका था उसने बताया जिसका नहीं था उसे नरेला बाल सुधार घर भेज दिया गया नरेला बाल सुधार घर एक जेल जो चारो ओर से कैद जिसमें ग्राउंड नहीं था एक 25 मीटर का आंगन था दो गेट थे फिल्मों की जेल जैसी अन्दर 14 कमरे थे बट उसे स

17/04/2020 P/30

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हिन्दी/ एक दिन मै पहाड़ गेंग से आ रहा था मॉर्निंग का समय था एक लड़की साइड रोड में बैठ कर रो रही थी में थोड़ी देर तक मै देखता रहा और ये सोच रहा था कि ये रो क्यों रही है और लोग भी देख रहे थे दया कि दृष्टि से पर पूछ कोई नहीं रहा था था को ओ क्यों रो रही है लड़की बहुत सुंदर थी कपड़े भी ठीक थे किसी बड़े खानदान से लगती थी मैभी उससे थोड़ी दूर में बैठ कर उसका सुबकना देख रहा था सयद ओ लड़की भी चाहती थी कि कोई उसकी हेल्प करे फिर मैं वहा से चला गया दोपहर से में फिर उधर से गुजरा तो लड़की वहीं बैठी थी फिर हिम्मत करके पूछा क्या हुआ उसने बताया उसका नाम परो है मथुरा की रहने वाली है बड़े खानदान से है अपने बॉफ्रेंड के साथ घर से भाग गई थी उसके बॉयफ्रेंड ने उससे शादी का बहाना बनाकर करके उसको घर से भगा लाया था उसके साथ एक रात गुजारने के बाद भाग गया मै उसे जीआरपी थाने ले गया जहां मै पड़ता था नीचे पुलिस स्टेशन था उसने पुलिस को बताया फिर लेडी पुलिस ने रिपोर्ट लिखा फिर मुझे एक डंडा मरा खा जब तू मॉर्निंग में देखा तो बताया क्यों नहीं फालतू का डंडा खाके में तुरन्त निकल लिया वहा से । English translat

16/04/2020। P/29

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हिन्दी/ इलाहाबाद/प्रयागराज से लखनऊ वहा मै मॉर्निंग में 10 बजे के आस पास पहुंच गया था वहा उतर कर मै आस पास घूमने लगा स्टेशन से बाहर निकाल कर मैंने साइन बोर्ड देख जिसपर जू घर का मार्क लगा था उधर ही मै चल पड़ा करीब आधा घंटा चलने के बाद मुझे कोई साइन नहीं दिखा फिर में वापस स्टेशन आ गया फिर उहा से काशी विश्वनाथ ट्रेन से न्यू दिल्ली चल पड़ा न्यू दिल्ली पहुंचने के बाद पता चला कि डॉक्टर ने किसी का मर्डर कर दिया है जो भी उसके बदले जेल जाएगा उस डॉक्टर पैसे देगा दिल्ली के तीन सिनेमा हाल जिनमें में फिल्म देखने जाने लगा ना पहला इंपीरियल सिनेमा दूसरा सदर थर्ड शीला उस समय शीला हाल की सबसे लो टिकट 30/40 की मिलती थी सदर वाली कि 15 थी इंपीरियल की 25 थी ओ सिनेमा हाल कुछ खास नहीं था बस उस हॉल के बाहर वेश्याएं खड़ी रहती थी उनका टिकट कताओ फिर 100 रुपए देकर में ले जाके कुछ भी करो हा उस इलाके में छक्के बहुत स्टोंग थे किसी एक को कुछ खा तो पूरा ग्रुप आपकी लेगा एक बार शीला हाल में स्पार्टन 300 लगा था मैने टिकट ले लिया सालो ने अन्दर नहीं जाने दिया कहा बच्चो की एंट्री नहीं है बहुत गुस्सा आया कहा जब एंट्री नहीं