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Showing posts from November, 2020

30/11/2020. P/121

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 हिन्दी/ /////// लोटस टेंपल के अन्दर शोर करने के कारण वहा के स्टॉफ ने हम लोगों को जल्दी है बाहर निकाल दिया लेकिन बाहर निकाले जाने का अफ़सोस हम मै से किसी को नहीं था। हम स्कूल दोस्तो ने एक ग्रुप बना लिया जिसमे मै, दीपक, पवन , स्वराज, संजय, शोरभ, दिलीप थे। हम टेंपल से बाहर निकलने वाले रोड पर चलने लगे हमारे आगे लड़कियों का काफिला, झुंड चल रहा था। और दिलीप बगल से निकल कर मेरे पीछे आ गया मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि दिलीप क्या करने वाला है दिलीप ने मेरे बगल से हाथ आगे करके मेरे आगे चल रही लड़की की चोटी खीच दी और हाथ तुरन्त पीछे कर लिया उस लड़की ने पीछे मुड़ कर घुर कर मुझे देखा मै अपना सर ना में हिलाया फिर से हम लोग चलने लगे दिलीप ने फिर से मेरी बगल से हाथ ले जाकर मेरे आगे चल रही लड़की कि चोटी फिर से खीच दी और हाथ तुरन्त पीछे कर लिया इसबार लड़की ने झगड़ा करने के लिए गुस्से से पीछे मुड़ कर मुझे देखा मेरी तो सासे अटक गई अब थप्पड़ पड़ने वाला है और हमारे थोड़ी दूर पर ही लेडी कॉन्स्टेबल पाइप का डंडा लेकर खड़ी थी। उससे पीटने का दर और पुलिस वाले भी थे। उनका भी डंडा याद आया साथ ही स्कूल कि ...

18/11/2020. P/120

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 हिन्दी/ /////// फब्बारे के अंदर लोग एक रुपए और दो रुपए के सिक्के उछाल के डाल देते थे। और पानी साफ था। जिसके कारण फब्बारे के तल में  में बहुत सारे सिक्के दिख रहे थे। लेकिन स्कूल के लडके कहा मानने वाले थे। एक लडके ने आस- पास देखा जब स्टाफ टैंपल और अध्यापक कि नजर नहीं पड़ रही थी। तो तुरन्त सिक्के निकालने के लिए पानी में हाथ डाला लेकिन सिक्के बहुत नीचे थे जिसके कारण उस सिक्के नहीं मिले ये समझते देर नहीं लगी कि अपवर्तन के कारण सिक्के पानी में बहुत उपर दिख रहे है। जबकि वो बहुत नीचे थे। उसके बाद किसी ने सिक्के निकालने कि कोशिश नहीं कि क्योंकि सभी को पता चल गया कि कोशिश करना ब्यर्थ है। और सिक्के भी नहीं मिलेगा और अध्यापक के देखने पर पिटाई अलग से होगी। हमारे आगे कि ग्रुप लड़कियों को ग्रुप था। ओ भी किसी स्कूल से थी लेकिन उनका ड्रेस स्कूल वाला नहीं था। उसके बाद हम सभी लोग लोटस टैंपल के अंदर गए। जो कि बहुत बड़ा हॉल था। किसी ने कहा कि अगर कोई आवाज करेगा तो आवाज गुजेगी तो बस बताने कि देर थी। शुरुआत किसी एक ने ट्राई से किया तो सच - मुच में आवाज गुजी फिर तो हर कोई अपनी आवाज कि गुज सुनाई देने...